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Introduction of Keyboard
कीबोर्ड (keyboard) एक उपकरण है जो कंप्यूटर या अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में इनपुट देने के लिए उपयोग होता है। यह खुदरा टाइपराइटर की तर दिखता है और कुंजीपटल में बटन्स और अक्षरों की संख्या होती है। जब आप एक बटन दबाते हैं, तो कीबोर्ड इसे कंप्यूटर या अन्य उपकरण के साथ संचार करने के लिए एक संकेत (इनपुट) भेजता है। इसके माध्यम से हम अक्षर, नंबर, विशेष चिह्न, और अन्य विभिन्न कमांड्स को दर्ज कर सकते हैं। keyboard को अमेरिका के वैज्ञानिक क्रिस्टोफर लैथम शोलेज ने साल 1868 में बनवाया था। उन्होंने टाइपराइटर और QWERTY keyboard का आविष्कार किया था।
कीबोर्ड को कई विभिन्न कंपनियों द्वारा बनाया जाता है। कुछ प्रमुख कीबोर्ड निर्माताओं में शामिल हैं:
लॉजिटेक (Logitech)
ह्यूमेन इंटरफेस (Human Interface)
डैल (Dell)
एच पी (HP)
लेनोवो (Lenovo)
माइक्रोसॉफ्ट (Microsoft)
एप्पल (Apple)
रज़र (Razer)
कोरसेयर (Corsair)
सोनी (Sony)
ये केवल कुछ उदाहरण हैं और इसके अलावा भी बहुत सारी कंपनियाँ हैं जो कीबोर्ड निर्माण करती हैं।
कीबोर्ड का प्रकार (Type of Keyboard )
1. प्रतिकृति कीबोर्ड (QWERTY Keyboard):
यह सबसे आम और प्रचलित कीबोर्ड है, जिसका नाम QWERTY उसके शीर्ष वर्गाकार के छठे पंक्ति के पहले छह अक्षरों के आधार पर है।
आयरेस कीबोर्ड (Ergonomic Keyboard):
यह कीबोर्ड आपके हाथों और हौंसलों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए डिजाइन किया गया है। इसमें कुछ कुंजीयों की व्यवस्था और कीबोर्ड का ढांचा आम कीबोर्ड से अलग होता है।
गेमिंग कीबोर्ड (Gaming Keyboard):
यह कीबोर्ड विशेष रूप से गेमिंग के लिए डिजाइन किया जाता है। इसमें विशेष गेमिंग फीचर्स, रेस्पॉन्सिव बटन्स, एनटी-घोस्टिंग और एक्स्ट्रा मैक्रो की व्यवस्था शामिल होती है।
वायरलेस कीबोर्ड (Wireless Keyboard):
यह कीबोर्ड बिना तार के काम करता है और इसे ब्लूटूथ या रेडियो फ्रीक्वेंसी (RF) तकनीक के माध्यम से कंप्यूटर या उपकरण से कनेक्ट किया जाता है
Introduction of mouse :
माउस, एक कंप्यूटर इनपुट उपकरण है जिसे उपयोगकर्ता को कंप्यूटर पर नेविगेट करने और इंटरेक्टिव विंडो एप्लीकेशन का उपयोग करने के लिए उपयोग किया जाता है। यह उपकरण तंग बटनों और एक स्क्रोल व्हील के साथ आता है जो उपयोगकर्ता को इंटरफेस पर चुनें और स्क्रॉल करने की सुविधा प्रदान करता है।
माउस एक आकृति में होता है और यह कंप्यूटर की सतह पर घुमाकर चलाया जाता है। यह कंप्यूटर माउस चिप द्वारा उत्पन्न की जाने वाली आंदोलन को एक इलेक्ट्रॉनिक संकेत में परिवर्तित करता है जो कंप्यूटर को उपकरण के आंदाज़े के आधार पर निर्देशित करता है।
माउस का उपयोग कंप्यूटर नेविगेशन, फ़ाइल और फ़ोल्डरों को चयन करने, प्रवेश कुंजियों को क्लिक करने, खींचने और छोड़ने के लिए किया जाता है। यह भी अन्य उपकरणों के साथ संगठन और प्रदर्शन विशेषताओं को नियंत्रित करने में मदद करता है,
माउस के प्रकार (Types of mouse)
माउस के विभिन्न प्रकारों का उल्लेख निम्नलिखित है:
1. वायर्ड माउस (Wired Mouse:)
Wired mouse
यह माउस वायर के साथ आता है जो कंप्यूटर से कनेक्ट होता है। यह वायर कंप्यूटर की यूएसबी पोर्ट द्वारा पावर सप्लाई और डेटा संचार के लिए उपयोग करता है।
2. वायरलेस माउस (wireless mouse)
यह माउस बिना किसी वायर के होता है। यह रिसीवर या डोंगल के माध्यम से कंप्यूटर से कनेक्ट होता है, जो बिना तार के रेडियो या इंफ्रारेड संचार का उपयोग करता है।
3. ऑप्टिकल माउस (optical mouse)
Optical mouse image
यह माउस ऑप्टिकल संवेदक का उपयोग करता है जो प्रकाश संकेतों को पढ़ता है। इसके नीचे एक एलीट्रिकल लाइट इमिटर और एक फोटोडायोड संवेदक होता है जो माउस की गति को जांचता है।
4. लेजर माउस (laser mouse)
यह माउस लेजर टेक्नोलॉजी का उपयोग करता है जिसमें एक लेजर डायोड उपयोग किया जाता है। यह ऑप्टिकल माउस से अधिक सुगम और सटीक नियंत्रण प्रदान करता है।
5. एरगोनॉमिक माउस (Ergonomic mouse):
एर्गोनॉमिक माउस एक विशेष डिज़ाइन वाला माउस है जो उपयोगकर्ता की सुविधा और आराम को मध्यस्थ करने के लिए बनाया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य होता है उपयोगकर्ता के हाथ, कलाई और बाहु को सही पोज़िशन में रखना ताकि लंबे समय तक इस्तेमाल करने पर तनाव का कम हो।
एर्गोनॉमिक माउस की खासता यह होती है कि उसका डिज़ाइन हाथ की प्राकृतिक ढंग से मेल खाता है। यह माउस उपयोगकर्ता के हाथ की आकार और ढंग के अनुसार आकार में बदल सकता है, जिससे हाथ को सही समर्थन और आराम मिलता है। कुछ एर्गोनॉमिक माउस में विभिन्न बटन और स्क्रोल व्हील के साथ-साथ हाथ को सही ढंग से रखने के लिए डिज़ाइन किए गए होते हैं।
एर्गोनॉमिक माउस का उपयोग लंबे समय तक कंप्यूटर कार्य करने, लंबे घंटों गेमिंग करने और हाथों की थकान को कम करने के लिए किया जाता है। इसका उपयोग करके, उपयोगकर्ताओं को हाथियार की स्थिति को बदलने या परिवर्तन करने की जरूरत है
6. गेमिंग माउस (Gaming mouse )
Gaming mouse image
गेमिंग माउस विशेष रूप से वीडियो गेम खेलने के लिए डिज़ाइन किया गया होता है। इसके खासत्व में शामिल होती हैं:
1. उच्च संक्रमण दर: गेमिंग माउस में उच्च संक्रमण दर होती है, जिससे माउस का प्रतिक्रियाशीलता बढ़ती है। यह उपयोगकर्ता को तत्परता और संवेदनशीलता के साथ खेलने की सुविधा प्रदान करता है।
2. अधिक बटन: गेमिंग माउस में अधिक बटन होते हैं जो उपयोगकर्ता को खेल के दौरान विभिन्न कार्रवाईयों को तेजी से करने की अनुमति देते हैं। इन बटनों को उपयोगकर्ता अपने पसंद के अनुसार कन्फ़िगर कर सकता है।
3. वजन नियंत्रण: गेमिंग माउस में वजन नियंत्रण की सुविधा होती है, जिससे उपयोगकर्ता अपनी पसंद के अनुसार माउस का वजन समायोजित कर सकता है। यह उपयोगकर्ता को बेहतर नियंत्रण और संभावित खिलाड़ीत्व के लिए सुनिश्चित करता है।
4. लाइटिंग एफेक्ट: अधिकांश गेमिंग माउस में आकर्षक एलियमाइट लाइटिंग
Introduction of monitor
मॉनिटर, या प्रदर्शन पट, एक कंप्यूटर परिदर्शक यंत्र है जो उपयोगकर्ताओं को इंटरफेस पर दिखाई जाने वाली जानकारी को दिखाने के लिए उपयोग होता है। मॉनिटर आमतौर पर एक प्लेन रंग प्रदर्शित करने की क्षमता रखता है और कंप्यूटर के साथ संघुषित किया जाता है। इसे विद्युत प्रोजेक्टर, डिस्प्ले या स्क्रीन के रूप में भी जाना जाता है।
मॉनिटर में एक चिप या कार्ड लगा होता है जिसे वीडियो सिग्नल द्वारा भारतीय कम्प्यूटर परिदर्शक का सामरिक संप्रवाह करने के लिए प्रयुक्त किया जाता है। इसके अलावा, यह एक या अधिक ऑडियो सिग्नल द्वारा भी आवाज का नमूना उत्पन्न कर सकता है। मॉनिटर छोटे व बड़े आकार के हो सकते हैं और आमतौर पर वॉल माउंट, मुड़ने वाला आदि के अलावा विभिन्न स्थानों पर रखा जा सकता है।
आजकल, बहुत सारे विभिन्न प्रकार के मॉनिटर उपलब्ध होते हैं, जैसे CRT (कैथोड रे ट्यूब) मॉनिटर, LCD (तरल रिक्तता प्रदर्श
मॉनिटर का प्रकार
(Type of monitor )
CRT (कैथोड रे ट्यूब) मॉनिटर:
यह प्राचीनतम प्रकार का मॉनिटर है जिसमें एक गर्म एलेक्ट्रॉन बीम उत्पन्न की जाती है जो पिक्सल पर प्रकाशित होती है। यह प्रदर्शित चित्र बड़ी गहराई और अच्छी रंग प्रदर्शन करता है, लेकिन यह भारी होता है और अधिक बिजली का उपयोग करता है।
LCD (तरल क्रिस्टल डिस्प्ले) मॉनिटर:
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LCD monitor image
यह आमतौर पर थिन फिल्म ट्रांजिस्टर (TFT) पैनल पर आधारित होता है। यह पैनल रंगीन तरल क्रिस्टल प्रदर्शित करता है और मुख्यतः एक फ्लॉटिंग ट्रांजिस्टर एरे (FTA) से बना होता है। यह मॉनिटर पतला, हल्का और बिजली का कम उपयोग करता है
LED (प्रकाश उत्सर्जक डिस्प्ले) मॉनिटर:
LED monitor image
यह भी TFT पैनल पर आधारित होता है, लेकिन इसमें प्रकाश उत्सर्जक डायोड (LED) प्रयुक्त होते हैं जो प्रकाशित पिक्सल बनाने में मदद करते हैं।
कंप्यूटर के प्रकार
कंप्यूटर के प्रकार के होते हैं जो अपने उपयोग और क्षमता के आधार पर अलग-अलग होते हैं। यहां कुछ प्रमुख कंप्यूटर प्रकारों का उल्लेख किया गया है:
माइक्रो कंप्यूटर (Microcomputer):
यह सबसे छोटे आकार और क्षमता वाला कंप्यूटर होता है। इसमें केवल एक कंप्यूटर प्रोसेसर, मेमोरी, इनपुट डिवाइस, आउटपुट डिवाइस, और संग्रहीत करने के लिए तत्परता होती है। इसमें पर्याप्त संग्रहण क्षमता नहीं होती है और यह एकल उपयोगकर्ता के लिए बनाया जाता है।
मिनी कंप्यूटर (Minicomputer):
मिनी कंप्यूटर बड़े होते हैं और इसमें अधिक संग्रहण क्षमता होती है। ये व्यापारिक उद्योगों, शैक्षणिक संस्थानों, और सरकारी संगठनों में और सरकारी संगठनों में इस्तेमाल होते हैं।
मेनफ्रेम कंप्यूटर (Mainframe Computer):
ये बहुत बड़े कंप्यूटर होते हैं जो अधिक मात्रा में डेटा को संग्रहीत करने की क्षमता रखते हैं। इन्हें व्यवसायिक उद्योगों, बैंकों, रेलवे आदि में व्यापक उपयोग किया जाता है।
सर्वर (Server):
सर्वर कंप्यूटर नेटवर्क के संचालन और निर्देशन के लिए उपयोग होते हैं। इन्हें डेटा, फ़ाइल और सेव
सुपर कंप्यूटर (Supercomputer)
एक उच्चतम क्षमता वाला कंप्यूटर है जो विशेष गतिशीलता, प्रोसेसिंग शक्ति और गहन विज्ञान और इंजीनियरिंग के क्षेत्रों में शोध कार्यों के लिए उपयोग होता है। इन कंप्यूटरों में लाखों से करोड़ों का संग्रहण क्षमता होती है और वे अत्यधिक गति और संगठनशीलता के साथ विज्ञानिक गणना को संचालित कर सकते हैं। सुपरकंप्यूटर आपूर्ति श्रृंखला में शीर्ष स्थान पर होते हैं और आमतौर पर वैश्विक शोध परियोजनाओं, मॉडलिंग और सिमुलेशन, हवाई अभ्यास, मौसम पूर्वानुमान, खोज और जीवविज्ञान संशोधन आदि के लिए इस्तेमाल होते हैं। सुपरकंप्यूटर बहुत ज्यादा शक्तिशाली होते हैं और बड़ी गति से बहुत संख्या में गणना कार्यों को पूरा कर सकते हैं
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